Tuesday, November 19, 2019

फिल्म रिव्यू: गामक घर

स्क्रनशॉट: यूट्यूब
जहिया जनतब भेल जे मैथिली फिल्म 'गामक घर' कें जिओ मामी फिल्म फेस्टिवल मे चुनल गेल, तहिए सं एहि फिल्म के देखबाक मनोरथ छल. दीयाबाती आ छठि क' ल' गाम मे छलहुं त' भांज लागल जे मधुबनी फिल्म फेस्टिवल भ' रहल छैक आ ओतहि 'गामक घर' के स्क्रीनिंग सेहो हेतै. बस देखबा लेल पहुंच गेलौं. फिल्म देखबाक बीच मे 7 बेर बिजली कटल मुदा हिम्मत क' कें पूरा देखलौं.

जौं ट्रेलर देखने होएब त' खिस्सा मोटा-मोटी भांज लागि गेल होएत. एकटा गाम छैक आ ओतहि अप्पन घर. जतहि पहिने सभ कियौ रहैत छल. बाद मे 'नीक काल्हि' लेल सभ धीरे-धीरे गाम छोइड़ दैत छैक. कतेको बर्खक बाद एक दिन सब जमा होइ छथि. एतबहि अछि पूरा सिनेमा. एकरा बाद जे अछि से सभ एकरा बीच अछि.

कलाकारक गप्प करी त' अभिनव, मीरा, सत्येन्द्र, सोनिया सभ नीक काज केने छथि. खास क' अभिनव. आ चूंकि ई सभ मांजल नाटक कलाकर छथि सम्भवतः ताहि कारणे अप्पन-अप्पन रोल मे फिट बैसै छथि. गीत-संगीतक कोनो तेहन खास जगह नहि देल गेल अछि मुदा जखन-कखन बिहाइंड द सीन या क्षण भरि लेल खांटी लोकगीत बजैत अछि त' अहांके बुझाएत अछि जेना गाम मे होइ.

फिल्मक एकटा दृश्य मे अभिनव (स्क्रीनशॉट: यूट्यूब)


सिनेमा क' सिनेमोटोग्राफी देखबाक जोगर छैक. जौं अहां सिनेमोटोग्राफी क' छात्र छी त' अहां मात्रे टा सिनेमोटोग्राफी देखबा-बुझबा-जनबा लेल एहि सिनेमा कें देखि सकैत छी. चूंकि डायरेक्टर अचल मिश्रा सिनेमोटोग्राफी एक्सपर्ट मानल जाए छथि आ ई गप्प देखला पर अपनहि सोंझा अबैत छैक.

फिल्मक खास गप्प यैह छैक जे देखला पर एहन बुझाएत जेना घर-आंगन मे बैसल होइ आ जेना अहीं ओ पात्र होइ. माने बहुत रियलिस्टिक सन. कतहु ई नहि लागत जे ई जबरदस्ती क' सीन छैक. अहां नहि चाहैत छी जे ई सम्पन्न होए. बस चलैत रहै. अहां चाहैत छी जे जौं अहां लग टाइम ट्रेवल मशीन होए त' ओकर इस्तेमाल केर बेर आबि गेल अछि.

जौं अहां कें स्लो सिनेमा नहि पसिन पड़ैत अछि त' गामक घर अहां कें बोर क' सकैत अछि. पूरा सिनेमा डाइरेक्टर अचल अपनहि लिखने छथि. संवाद सभ मे किछु हिंदी शब्द सभ बीच-बीच मे अबैत अछि त' एना लगैत अछि जेना भात खेबा काल छोटकी पाथर दांत मे लागि गेल होए.

जौं अहां धिया-पुता मे गाम सं दूर कोनो शहर बसि गेल छी आ सभ दिन एक नहि एक बेर गाम मोन पड़ि जाएत अछि त' ई सिनेमा अहांके गाम दिस बजाओत.

हम कोनो सिनेमा एक्सपर्ट नहि छी, तैं रेटिंग नहि देब. एतेक पढ़लाक बाद जौं मोन हुए त' सिनेमा देख लेब आ नहि त' नहि.

फिल्म कहिया कतय रिलीज़ होएत, ई अखन धरि साफ नहि छैक मुदा ई तय छैक जे गामक घर क' प्रीमियर अखन बहुतो शहर मे हेबाक छैक.

एहि सभ तरहक सिनेमा एकटा भरोस दैत अछि जे मैथिली क' पेटारी मे बहुतो चीज़ छैक, बस ओकरा अहां कें ताकि निकालब अछि. नेशनल फ़िल्म अवार्ड्स सं पुरस्कृत 'मिथिला मखान' क' बाद एहि सिनेमाक सभसं बेसी चर्चा भ' रहल छैक. ई फिल्म के ओहि डायरेक्टर सभ कें जरूर देखबाक चाही जे सिनेमा के नाम पर औल-बौल किछु बना दैत छथि.

फ़िल्मक ट्रेलर एतहि देख सकैत छी.

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