दरभंगा : पूरा मिथिला सहित भारत मे जतय आगामी 23 अक्टूबर माने आबय वला काल्हि के दीयाबाती मनाओल जायत ओतय मिथिलाक इकलौता गाम नवादा मेँ आइये दीयाबाती मनावल जाएत। सभ बरख जकां अहियो बेर विश्वविद्यालय पंचागक निर्धारित तिथि से एक दिन पहिले अर्थात् 22 अक्टूबर के दीयाबाती मनाओल जाएत। बता दी जे इ गाम दरभंगा जिलाक बेनीपुर अनुमंडल मेँ अबैत अछि। एहि गामक इ अनूठ परंपराक कोनो पौराणिक ग्रंथ नहिँ अछि। गामक लोक सभ कहैत छैथ जे 150-200 बरख से इ परंपरा चलैत आबि रहल अछि।
गामक वृद्ध लोकनि बतौबैत छथि जे पौराणिक दृष्टिकोणे दीयाबाती चारिदिवसीय पर्व अछि जे यम दीयाबाती सऽ लऽ भातृद्वितीया पर्व धरि मनाओल जाइत अछि। एहिक अंर्तगत पूर्व मेँ दरभंगा राज मेँ यम दीयाबातीक दिन घीक दीया जरा कऽ उक फेड़बाक परंपरा अछि। इहो गाम सकूनी वंशक जमीँदारक गाम छल आ राज दरभंगा मेँ एक दिन पहिले दीयाबती मनयबाक कारणे इहो सभ हुनक अनुकरण करैत रहला हँ। ग्रामीण बतौलैथ जे एहि वंशक किछु लोक बहेड़ीक पघारी मेँ रहैत छैथ आ ओतय आइयो इ परंपरा जीवित अछि जखन की लक्ष्मीपूजा एक दिन बाद कैल जाइत अछि।ओतय गामक आन वंश मूलक लोक मिथिला मेँ निर्धारित तिथिक अनुसारे दीयाबाती मनबैत छथि।
गामक वृद्ध लोकनि बतौबैत छथि जे पौराणिक दृष्टिकोणे दीयाबाती चारिदिवसीय पर्व अछि जे यम दीयाबाती सऽ लऽ भातृद्वितीया पर्व धरि मनाओल जाइत अछि। एहिक अंर्तगत पूर्व मेँ दरभंगा राज मेँ यम दीयाबातीक दिन घीक दीया जरा कऽ उक फेड़बाक परंपरा अछि। इहो गाम सकूनी वंशक जमीँदारक गाम छल आ राज दरभंगा मेँ एक दिन पहिले दीयाबती मनयबाक कारणे इहो सभ हुनक अनुकरण करैत रहला हँ। ग्रामीण बतौलैथ जे एहि वंशक किछु लोक बहेड़ीक पघारी मेँ रहैत छैथ आ ओतय आइयो इ परंपरा जीवित अछि जखन की लक्ष्मीपूजा एक दिन बाद कैल जाइत अछि।ओतय गामक आन वंश मूलक लोक मिथिला मेँ निर्धारित तिथिक अनुसारे दीयाबाती मनबैत छथि।
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