Friday, November 20, 2015

मिथिला मे मनि रहल अछि सामा चकेवा पावनि

सहरसा/समस्तीपुर : भाई बहिनक स्नेह आ पति पत्‍‌नीक स्वधर्म निर्वहन सऽ जुड़ल समाचकेवा पावनि मिथिला मे चलि रहल अछि। छठिक बाद सऽ शुरू भेल एहि पावनि कऽ लऽ कऽ सांझ होइत देरी गामक घर आंगन मे गीतनाद शुरू भऽ जाइत अछि। लगभग एक सप्ताह पूजाक बाद कार्तिक पूर्णिमाक दिन सामाक विसर्जन कैल जाओत।


 पंडित मोहन कांत झाक अनुसार पदम पुराण में सूत सोनक संवादके रूप में सामाचकेवा कथाक उल्लेख अछि।हुनक अनुसार भगवान श्री कृष्ण अपन बेटी सामा के वृन्दावण लग चुड़क द्वारा झूठ शिकायत कैल जयबा पर श्रापित कैल जाय केर बात कहल गेल अछि। भगवान अपन बेटी के पक्षी बनि कऽ वृन्दावनक आस पास विचरय के श्राप दऽ देलैथ। एकर जानकारी भेटलाक बाद हुनक पति चारूवत्र सेहो भगवान शंकरक पूजा कऽ पक्षी बनय केर वरदान प्राप्त केलक। इ जानकारी जखन सामाक भाई साम्ब के भेटल तऽ ओ भगवान विष्णुक आराधना कऽ अपन बहिन आ बहनोई के पक्षी सऽ मनुष्य रूप देबाक वरदान प्राप्त केलक।एहि कारण सऽ समाचकेवा पर्व मनाओल जाइत अछि। एहि पावनि में झूठ शिकायत करबाक कारणे चूड़क केर अग्निदहन कैल जाइत अछि ओतय मिट्टी केर सामा,साम्ब,सप्तऋषि आदि बना कऽ पूजा कैल जाइत अछि।

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