Saturday, October 27, 2012

मैथिली मेँ बनत विश्वकोश

दरभंगा :
मौजूदा वैश्वीकरण के युग मेँ जतय विश्वक विभिन्न क्षेत्रक आ विषयक जानकारी विश्वकोष केर माध्यम से इंटरनेट पर उपलब्ध अछि ओतय मिथिलाक उपस्थिति नगण्य अछि।इ बात लक्ष्मीसागर, दरभंगा स्थित डा॰ भीमनाथ झा के आवास पर साहित्यक संस्था 'जखन-तखन' के तरफ से बीतल काल्हि आयोजित कार्यक्रम मेँ आईआइटी चेन्नई के अंग्रेजी के प्रोफेसर डा॰ श्रीश चौधरी इ बात कहलैथ।मिथिला सांस्कृतिक परिषद्(कोलकाता)के अध्यक्ष किशोरीकांत मिश्र के अध्यक्षता मेँ भेल कार्यक्रम मेँ डा॰ चौधरी कहलैथ जे विश्वकोषक माध्यमे वैश्विक स्तर पर मिथिलाक पहचान बनत।साहित्यकार डा॰ विभूति आनंद कहलैथ जे वर्तमान पीढ़ी मैथिली भाषा से कटल जा रहल अछि आ एहन स्थिति मेँ सही लेखकक चयन चुनौतीपूर्ण अछि।मौका पर अजीत आजाद,ज्योत्सना चंद्रम,शैलेन्द्र आनंद,फूलचंद्र झा प्रवीण,राज कुमार पासवान आदि सेहो अपन विचार रखलैथ।एहि कार्यक संचालनक लेल डा॰ भीमनाथ झा के संयोजनक चुनल गेल आ तत्काल कला,साहित्य,संस्कृति ,समाज आ भूगोल विषय पर कार्य शुरु करबाक सहमति बनल।कार्यक्रमक संचालन अशोक कुमार मेहता आ धन्यवाद ज्ञापन प्रबंधक हीरेँद्र कुमार झा कयलथ।

0 comments:

Post a Comment