दू बरखमे एहि सऽ बहुतो महिला जुड़ली जे अखन तीन सऽ पांच हजार रुपया प्रतिमाह कमा रहल छथि। किछु महिला अप्पन घर पर सामग्री बनौबैत छथि। एकर अध्यक्ष रंजीता लाल दासक मानी तऽ बिक्रीक सभटा पैसा समितिक खातामे जमा होइत अछि ओतय सऽ काजक अनुसार पैसाक वितरण लाभुकमे कएल जाइत अछि। बेसी काज सामूहिक रूपे पूरा होइत अछि।
मिथिला पेँटिँगक माध्यमे पूरा भऽ रहल अछि सपना
मधुबनी : जिलाक लगभगि 517 महिला लोकनि अप्पन पारंपरिक कला मिथिला पेंटिंगक माध्यमे अप्पन सपना केँ पूरा कऽ रहल छथि जे पहिने मुश्किल बुझाइत छल। एकरा अलावे हस्तशिल्प सऽ घरेलू सामान आ खाद्य वस्तुक उत्पादन कऽ नीक पाइ कमा रहल छथि। बिचौलियाक शोषण सऽ मुक्तिक लेल इ लोकनि अप्पन बलबूते को-ऑपरेटिव बना लेलनि। एहि सऽ पहिले मिथिला पेंटिंग आ आन हस्त उत्पाद बनाबय वाली महिला लोकनिँ केँ बिचौलियाक माध्यमे सामान बेचय पड़ैत छरन एहि सऽ आमदनी कम होइत छल आ घर चलेनाए सेहो मुश्किल भऽ रहल छल। बहुतो विचारलाक बाद 2010 मे इ लोकनि लोकहित महिला हस्त उत्पाद विकास स्वावलंबी सहकारी समितिक स्थापना केलनि।
दू बरखमे एहि सऽ बहुतो महिला जुड़ली जे अखन तीन सऽ पांच हजार रुपया प्रतिमाह कमा रहल छथि। किछु महिला अप्पन घर पर सामग्री बनौबैत छथि। एकर अध्यक्ष रंजीता लाल दासक मानी तऽ बिक्रीक सभटा पैसा समितिक खातामे जमा होइत अछि ओतय सऽ काजक अनुसार पैसाक वितरण लाभुकमे कएल जाइत अछि। बेसी काज सामूहिक रूपे पूरा होइत अछि।
दू बरखमे एहि सऽ बहुतो महिला जुड़ली जे अखन तीन सऽ पांच हजार रुपया प्रतिमाह कमा रहल छथि। किछु महिला अप्पन घर पर सामग्री बनौबैत छथि। एकर अध्यक्ष रंजीता लाल दासक मानी तऽ बिक्रीक सभटा पैसा समितिक खातामे जमा होइत अछि ओतय सऽ काजक अनुसार पैसाक वितरण लाभुकमे कएल जाइत अछि। बेसी काज सामूहिक रूपे पूरा होइत अछि।
0 comments:
Post a Comment