Friday, April 19, 2013

मिथिलाक महान विभूति छलथि पंडित बच्चा झा

मिथिलाक विभूति पंडित बच्चा झाक जयंती पर विशेष

मुजफ्फरपुर : आदिकाल सँ मिथिला महान विभूतिक जननी रहल अछि। एहने विभूतिक श्रेणीमे एकटा नाम अछि सर्वतंत्र स्वतंत्र पंडितप्रवर धर्मदत्त झा(बच्चा झा) क। हिनक जन्म 1860 मे मधुबनीक नवानी गाममे भेल छल। हिनक पिताक नाम पंडित बाबूलाल झा छल। पंडित बच्चा झाक पितामह बबुरिया झा(रत्नपाणि झा) दरभंगा महाराजक दानाध्यक्ष आ प्रधान परीक्षक छलथि। प्रारंभिक शिक्षा लेलाक बाद पंडित बच्चा झा संस्कृत शिक्षाक संग शास्त्रर्थकलामे निपुण भेला। एक बेर पं. बच्चा झा आ बंगवासी पं. हरिनाथ भट्टाचार्यक बीच 'व्युत्पत्तिवाद' ग्रंथ पर शास्त्रार्थ भेल छल जाहिमे पं. बच्चा झा केँ बहुत प्रतिष्ठा भेटल। पं. भट्टाचार्य सभ शास्त्रमे पं. बच्चा झाक गंभीर पांडित्य सँ प्रभावित भऽ हुनका सँ कहलनि जे आब अहांकेँ कोनो टा दर्शन ग्रंथक जरुरति नहि अछि। मुदा तयौ ओ काशी जा मिथिलेश लक्ष्मीश्वर सिँह सऽ वृत्तिप्राप्त विशुद्धानंद सरस्वती जीसँ पूर्व मीमांसा आ पण्डितप्रवर बालशास्त्रीसँ उत्तर मीमांसाक अध्ययन केलनि। एकरा बाद पं. बच्चा झा दर्जनोँ संन्यासी आ हुनक शिष्यक संग नवानी आबि ओतुक्का विद्यालयमे दूर-दूरसँ आबय वला छात्र केँ पढ़ौनाय शुरु केलनि। एहि छात्रमे राजस्थान, गुजरात, बंगालकसंग दक्षिण भारतीय छात्र छलथि। अध्यापनक क्रममे पं. झा न्याय ग्रंथ पर गंभीर व्याखयानात्मक टीका 'तत्त्वलोक' केँ प्रणयन कएने छलथि। ओ अप्पन जीवनकालमे बहुतो ग्रंथक रचना केलनि जाहिमे व्याप्तिपंचक तत्त्वालोक, व्युत्पत्तिवाद गुढ़ार्थतत्त्वालोक:, कुसुमांजलिप्रकाशटिप्णणी आदि प्रमुख अछि। मुजफ्फरपुरमे प्रचार्यत्व कालमे न्यायवार्तिकतात्पर्य­तत्तवालोक केँ प्रणयनक क्रममे 1918 ई. मे शिवसायुज्यक प्राप्ति भेलनि।

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