Sunday, January 11, 2015

मिथिलांचल उर्दू पर मोहम्मद वारसी क राय

2 बरख पहिले भाषायी वैज्ञानिक, मोहम्मद वारसी मिथिला क्षेत्र मे मिथिलांचल उर्दू नामक एकटा नव बोलीक खोज केने छलथि, मुदा इ मुद्दा 2 बरखक बाद फेरो बोतल सं निकलल त मैथिली साहित्यकार लोकनि मिथिलांचल उर्दू कें जोलहा मैथिलीक बोली आदि कहने छलखिन, विवाद बढ़ैत देखि मिथिला प्राइम जखन वारसी जी सं ट्विटर पर गप्प केलक त हुनक कहब छल :

मिथिलांचल उर्दू, एकर संरचना मैथिली, हिंदी और उर्दू सं एकदम अलग छैक आ इ बोली केवल गाम-देहात मे अनपढ़ मुसलमान बजैत अछि। जे पढ़ल लिखल मुसलमान अइछ ओ त मैथिली, हिंदी या उर्दू बजैत छैक लेकिन गामक मुसलमान आपस मे बात करै छैक तखन ओ एकटा अलग बोली बजैत अछि। हम एकर अध्ययन खूब नीक जेंका केलाक बाद इ किताब (व्याकरण) लिखलौं। अहां एकरा मैथिली उर्दू बजियौ या मिथिलांचल उर्दू , इ त अपन-अपन सभ आदमी क विचार छैक।


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