पटना (विशेष समाद) :
मेरे भारत के कंठहार,
तुझको शत-शत वंदन बिहार
तू वाल्मीकि की रामायण
तू वैशाली का लोकतंत्र
तू महाबुद्ध की करुणा है
तू महावीर का शांति मंत्र
तू ज्ञानदीप नालंदा का
तू ही अक्छत चंदन बिहार
तू है अशोक का धर्मचक्र
तू गुरुगोविंद की वाणी है
तू आर्यभट्ट, तू शेरशाह
तू कुंवर सिंह बलिदानी है
तू ही बापू की कर्मभूमि
धरती पर नंदन वन बिहार
तुझको शत-शत वंदन
तेरा अतीत गौरवशाली
तेरा समॄद्ध है वर्तमान
अब जाग उठे तेरे सपूत
लौटेगा खोया स्वाभिमान
बिहार सरकार किछु बरख पहिले इ गीत बनौने छल आ जेकरा राज्य गीतक नाम देल गेल छलै मुदा मिथिलाक बारे मे कतहु कोनो टा चर्चा नहि छल जेकरा बाद मिथिला क्षेत्र सं राज्य गीतक विरोध शुरू भेल छल मुदा तइयो बिहारक सरकारी स्कूल मे प्रार्थना गीतक रुपे गेनाय शुरू भेल छल.
आब एक बेर फेर राज्य सरकार राज्य गीत बनेलक, आ ओ किछु एहन बनायल गेल...
आजा पुकारे बाहें पसारे, पूरब का उपहार है,
धर्मों का संगम कण-कण पावन है, ये देवों का बिहार है..
प्रस्तावित गीतक मुखड़ा यैह अछि आ एहि मे मिथिलाक नामोनिशान नहि अछि मुदा सूत्रक मानी त' अशोक चौधरी लगाएत किछु मंत्री जखन राज्य गीत मे मिथिला के नामोनिशान नहि देखलनि त' मिथिला क्षेत्रक ऐतिहासिक महत्व में जोड़बाक मांग केलनि आब एहन समाद आबि रहल अछि जे मिथिला क्षेत्रक महत्व के देखैत दू अंतरा मिथिला आ लग-पासक महत्व के राज्य गीत मे जोड़ल जाएत. मैथिलक प्रश्न राज्य सरकार सं यैह अछि जे बिहार, मिथिला संगे इ खिलवाड़ लगातार किएक क' रहल अछि ?
मेरे भारत के कंठहार,
तुझको शत-शत वंदन बिहार
तू वाल्मीकि की रामायण
तू वैशाली का लोकतंत्र
तू महाबुद्ध की करुणा है
तू महावीर का शांति मंत्र
तू ज्ञानदीप नालंदा का
तू ही अक्छत चंदन बिहार
तू है अशोक का धर्मचक्र
तू गुरुगोविंद की वाणी है
तू आर्यभट्ट, तू शेरशाह
तू कुंवर सिंह बलिदानी है
तू ही बापू की कर्मभूमि
धरती पर नंदन वन बिहार
तुझको शत-शत वंदन
तेरा अतीत गौरवशाली
तेरा समॄद्ध है वर्तमान
अब जाग उठे तेरे सपूत
लौटेगा खोया स्वाभिमान
बिहार सरकार किछु बरख पहिले इ गीत बनौने छल आ जेकरा राज्य गीतक नाम देल गेल छलै मुदा मिथिलाक बारे मे कतहु कोनो टा चर्चा नहि छल जेकरा बाद मिथिला क्षेत्र सं राज्य गीतक विरोध शुरू भेल छल मुदा तइयो बिहारक सरकारी स्कूल मे प्रार्थना गीतक रुपे गेनाय शुरू भेल छल.
आब एक बेर फेर राज्य सरकार राज्य गीत बनेलक, आ ओ किछु एहन बनायल गेल...
आजा पुकारे बाहें पसारे, पूरब का उपहार है,
धर्मों का संगम कण-कण पावन है, ये देवों का बिहार है..
प्रस्तावित गीतक मुखड़ा यैह अछि आ एहि मे मिथिलाक नामोनिशान नहि अछि मुदा सूत्रक मानी त' अशोक चौधरी लगाएत किछु मंत्री जखन राज्य गीत मे मिथिला के नामोनिशान नहि देखलनि त' मिथिला क्षेत्रक ऐतिहासिक महत्व में जोड़बाक मांग केलनि आब एहन समाद आबि रहल अछि जे मिथिला क्षेत्रक महत्व के देखैत दू अंतरा मिथिला आ लग-पासक महत्व के राज्य गीत मे जोड़ल जाएत. मैथिलक प्रश्न राज्य सरकार सं यैह अछि जे बिहार, मिथिला संगे इ खिलवाड़ लगातार किएक क' रहल अछि ?
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