Friday, April 21, 2017

मां जानकी आ बाबा विद्यापति क' अलावे आइ-काल्हिक जिनगी पर फिल्म बनेबाक खगता छैक : नरेन्द्र झा

हिंदी सिनेमाक जानल-मानल चेहरा, मैथिली सिनेमा मे लागल-भीड़ल लोक सभ सं अपील केलनि.

क्षेत्रीय भाषा मे सिनेमाक दौर बड्ड पहिलहि आबि गेलै, 'सैराट' एकर नीक उदाहरण छैक. क्षेत्रीय भाषायी सिनेमाक निर्देशक कंटेंट, स्टाइल आ पहुंच, सभ तरहें हिंदी फिल्म निर्देशक कें चुनौती द' रहल छथि. एसएस राजमौली तेलुगू फिल्मक बादशाह मानल जाइ छथि मुदा बाहुबली बना मुख्यधाराक सिनेमा मे अप्पन झंडा गाड़लनि.


बंगाली फिल्म राज कहिनी जे हिंदी मे बेगम जान के नामे अखन चलि रहल अछि अपना आप मे एकटा मीलक पाथर छैक. ओ समय गेलै जखन क्षेत्रीय फिल्म कें कमजोर बूझल जाएत छल. हिनका सभकें प्रोड्यूसर आ डायरेक्टर नहि भेटैत छलन. प्रियंका चोपड़ा एकटा मराठी फिल्म प्रोड्यूस केली, जेकरा एहि बेर नेशनल अवॉर्ड भेटल.

किछु दिन पहिने बोधिसत्व फिल्म फेस्टिवल पटना मे आयोजित भेलै, एतय श्रेष्ठ फिल्मक पुरस्कार एकटा मलयालम फिल्म के भेटलै. हमर इच्छा अछि जे केरल मे आयोजित कोनो फिल्म फेस्टिवल मे मैथिली फिल्म के श्रेष्ठ फिल्मक पुरस्कार भेटय. नितिन चंद्रा मैथिली मे 'मिथिला मखान' बनौलनि जेकरा नेशनल अवार्ड भेटलै. सीधा गप्प छै, जे मैथिली भाषा चुनलक वैह भाषा सम्मान सेहो दियेलकै. नव-पुरान निर्देशक सभ सं यैह आग्रह अछि जे ओ मैथिली मे फिल्म बनाबथि. एहन सोचक संग बनाबथि जे एकर प्रोडक्शन वैल्यू सं ल' एक्टर आ कंटेंट क' तुलना देश-विदेश मे बनि रहल श्रेष्ठ फिल्म सं होएत.  

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* इ लेख प्रभात खबर सं अनुवादित अछि.

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