ओ एतेकधरि कहैत छथि अपने मन्त्री रही वा नहि रही कागजी प्रक्रिया ऐना कऽकऽ आगा बढा देव जे काजमे कोनो प्रकारक दिक्कत नहि होइक ।
मुदा धनुषा जंगलक विषयमे एहिसँ पहिनेक मन्त्री सभ करिब–करिब एहने घोषणा कएने रहथि मुदा हुनका सभके मन्त्री पद परसँ हटलाक बाद धनुषाक जंगल क्षेत्रमे एको इन्ची प्रगति नहि भेल । धनुषाक यदुवंश झा बाहेक एखन धरि भोला झा, मकेश्वर प्रसाद सिंह, हेमबहादुर मल्ल आ आनन्द प्रसाद ढुंगाना सेहो मन्त्री बनल छथि । अपना–अपना समयमे सभगोटे धनुषाधामक संरक्षणक बात उठौने रहथि । खैर पूर्वमे जे गल्ती भेल से एखनो हएत से बात नहि । यदि ठीके संरक्षणक बात उठैतअछि तऽ ओ स्वागत योग्य अछि । ओहि ठामके जंगलक विशेषता अछि चारुकात लोकके वस्ती छैक आ बीचमे जंगल । धनुषाधाम धार्मिक स्थल अछि ओहि ठाम पूजा करएबाला पहुँचएवालाके संख्या हजारमे रहैत अछि । ओ सभ जंगलक आनन्द लऽ सकैत छथि मुदा ओहि लायक बनाबए पडत । एहिके लेल जनदवाव सेहो आवश्यक अछि ।मन्त्रीके काज करएके वातावरण बनाबएके लेल जनदवाव आवश्यक अछि ।
(रिपोर्ट -साभार सुजीत कुमार झा)
0 comments:
Post a Comment