Friday, January 11, 2013

मैथिली संस्कृतिके विकास लेल विवेकानन्दक आवश्यकता : डा. विमल

जनकपुर (सुजीत कुमार झाक रिपोर्ट):मैथिली संस्कृतिमे लोक गायन परम्परा विषयक दू दिवसीय गोष्ठी बृहस्पतिदिन जनकपुरमे सम्पन्न भेल अछि। गोष्ठीक अन्तिम दिन आयोजित कार्यक्रममे विद्वानसभ लोक गायनक विकासक लेल अभियान चलाबएके आवश्यकता उपर जोड देलन्हि। एखनो लोक गायक सभ बचल अछि मुदा हुनका सभके प्रोत्साहन नहि देल गेल आ नव पिढीमे हस्तान्तरणके विकास नहि कएल गेल तऽ मैथिली संस्कृतिके बहुत क्षति पहुंचत। समारोहमे मैथिलीकवरिष्ठ साहित्यकार डा. राजेन्द्र विमल मैथिली सांस्कृतिक विकासक लेल विवेकानन्द सन व्यक्तिके आवश्यकता रहल अछि चर्चा करैत जहिना विवेकानन्द हिन्दु धर्मके पुर्नउत्थान कएलन्हि अर्थात् जनजनमे फैलौलन्हि तेहने काजक आवश्यकता अछि। मैथिलीक लोक गायन, कला, संस्कृति दिस लोक फेरसँ घुमत कहैत ओ ब्रिटेनके इतिहासक चर्चा करैत 11 अम शताब्दीमे ओतह फोक्सी मुभमेन्ट चलल छल। तकरवाद ओहि ठाम फेरसँ लोक संस्कृतिक उत्थान भेल।
समारोहमे काजपत्र प्रस्तुत करैत मैथिली साहित्यकार चन्द्रेश कहलन्हि लोक गायनके रोजीरोटीसँ जोडलाक वाद मात्रे एकर सहज विकास हएत उल्लेख कएलन्हि। भारतीय सिनेमा सभमे एखन बहुतो गीत लोकगीत आबि रहल अछि आ फेर ओ सफल सेहो भऽ रहल अछि ओकर सफलता लोकगीतके अवसर देने हुनक कथन छल।
लोक संस्कृति के सवलताक कारण मिथिला एखनधरि बचल अछि ओ कहलन्हि।
इतिहासकार डा. प्रफुल्ल कुमार सिंह मौन मैथिली संस्कृतिमे लोक गायिकी परम्परा विषयक कार्यपत्र प्रस्तुत करैत मिथिलाक जनजनमे लोक संस्कृति बसल अछि कहैत एकरा आधुनिकतासँग जोडि कऽ आगा बढाबए पडत उल्लेख कएलन्हि। मैथिली लोक गायक सभके अवसर देबएके वातावरण बनाबएके ओ माँग कएलन्हि।
साहित्यकार डा. बुचरु पासवान मैथिली लोक गायनक अवस्था आ भविष्य विषयक कार्यपत्र प्रस्तुत करैत कहलन्हि लोकसंस्कृतिक विकासक लेल डकुमेन्टेसन दिस लागएके आवश्यकता उपरजोड देलन्हि। ओ कहलन्हि समय परिस्थिति अनुसार बहुत रास परिवर्तन होइत छैक एहिमे साकारात्मकता संग नकारात्मकता सेहो विकास होइत छैक एहनमे डकुमेन्टसने सही दिशामे लऽ जाएत।
समारोहमे नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक प्राज्ञ रामभरोस कापडि भ्रमर मैथिली लोक गायकक खोजीक लेल प्रतिष्ठान काज करत जानकारी देलन्हि।
प्रतिष्ठानद्वारा आयोजित समारोहमे वरिष्ठ साहित्यकार डा. रेवती रमण लाल, मिथिला नाट्यकला परिषदक अध्यक्ष सुनिल मल्लिक, मैथिली विभागक प्रमुख परमेश्वर कापडि, वानक केन्द्रिय उपाध्यक्ष राजेश कुमार कर्ण, रेडियो मिथिला एवं मिथिला डट कमक सम्पादक सुजीत कुमार झा, तराई टाइम्सक सम्पादकवीरेन्द्र रमण, युवा समीक्षक सुदीप झासहित बहुतो वक्तासभ बाजल छलथि।

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