५ खरब १७ अरब २४ करोड़क एहि बजटकेँ बहुत ठाम प्रशंसा भऽ रहल अछि। मुदा जनकपुरक लेल धैनसन। राजनीतिक दलक प्रतिनिधि बजट प्रस्तुत करैत छल एकरे निरन्तरता बजटमे देखल जा रहल अछि। आर किछु नहि।
जनकपुर देशक सभसं पिछड़ल शहर अछि मुदा एकर दुःख बुझएबला कर्मचारीक नेतृत्वमे रहल सरकार सेहो नहि अछि। जनकपुर अहु बरख उदासे रहत एकर संकेत देखा रहल अछि। आखिर नेतृत्वकर्ता सभ जनकपुरकेँ किए तिरस्कार करैत अछि ?
कोन अपराध एहि ठामक लोकसँ भेल अछि ? सभवर्ष एहिना होइत अछि। जनकपुरकर एक डेग विकास नहि भेल अछि। ओना जखन काठमाण्डूक लोक जनकपुर अबैत छथि तऽ जनकपुरक विकाससँ निराश देखल जाइत छथि । एहन निराशा व्यक्त करए बला सरकार लग पहुँच बलासभ सेहो रहैत छथि। बजट प्रस्तुत कालमे हुनका सभकेँ याद नहि रहैत छन्हि की ?
कहए लेल राष्ट्रपति जनकपुरेकेँ छथि । अधिकांश मन्त्रीमण्डलमे जनकपुरकेँ लोक कोनो नहि कोने रुपे रहबे करैत छथि। अहुबेर आधा दर्जन मंत्रीमण्डलक मालिक उमाकान्त झा जनकपुरेकेँ छथि। ओ सभ किए नहि अपना क्षेत्रक लेल की कऽ रहल छथि ? अपना क्षेत्रक बात करब अपराध छैक की ? काठमाण्डूकेँ भले ही लंदन जेकां शहर बना लेल जाए देशक अन्य शहरकेँ किए नहि विकास कऽ लेल जाए मुदा नेपालक नक्शामे जनकपुरो रहत आ जनकपुर संग होइत आएल भेदभावक प्रश्न एहिठामक जनता मात्र नहि पुस्ता दर पुस्ता करैत रहत। (समाद : सुजीत कुमार झा)
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