सहरसा : मैथिलीक प्रख्यात कवि, मिथिला भाषा रामायण क' रचयिता चन्दा झाक जन्म अपन नानी-गाम सहरसा जिलाक बड़गाँव मे भेल छल, 20 जनवरी क' हुनक जन्मदिवस पर‘जयन्ती दिवस’ क रुपे एहि गाम मे समारोहपूर्वक मनाओल गेल अछि.
चंदा झाक अवतरण तिथि पर गुरू दिन भेल बड़गाँव मे संगोष्ठीक आयोजन कयल गेल छल. कार्यक्रमक शुरूआत मे ग्यारह वैदिक लोकनि द्वारा स्वस्ति वाचन करैत दीप प्रज्ज्वलित कए उद्घाटन कयल गेल. संगोष्ठीक अध्यक्षता ओंकारनाथ झा केलनि. कार्यक्रम मे उपस्थित डा. तारानन्द वियोगी द्वारा कविवर चंदा झाक जन्मस्थल बड़गांव क' विशेषता पर चर्चा करैत कहल गेल जे हुनक जीवन आओर योगदान सं वर्तमान पीढी के असीम प्रेरणा भेटैत अछि. हुनका मैथिलीक आधुनिक साहित्यक प्रवर्तक मानल गेल अछि. युगपुरुषक रुपे चन्दा झा सौंसे मिथिला मे जानल जाइ छथि. सभा मे आमंत्रित वक्ता अरविन्द मिश्र ‘निरज’ द्वारा कविश्वर क' व्यक्तित्व वा कृतित्व पर प्रकाश देल गेल.
डा. महेन्द्र झा कविवरक मैथिली साहित्य मे योगदान क चर्चा करैत कहलनि जे कविवर चंदा झा सभसं पहिने मैथिली भाषा मे रामायण क रचना केलनि जेकर नाम ‘मिथिला भाषा रामायण’ पड़ल. कविवर द्वारा रचित कृति पुरूष परीक्षा, अहिल्या चरित्र आदि क रचना स मैथिली साहित्य के एकटा नव आयाम देलनि.
मौका पर डा. कुलानन्द झा, विनय चौधरी, अरूणाम सौरभ, केपी यादव, पी नंदन, हरेराम मिश्र, अविनाश खां, राज ठाकुर, भीमशंकर झा, मुकेश कुमार मानस, सचिदानन्द झा, राघवेन्द्र झा सहित दर्जनो अन्य बुद्धिजीवि लोकनि उपस्थित छलथि. नव तुरक युवा कवियित्री स्वाति शाकम्भरीक उपस्थिति ओ कविता वाचन सं कविश्वर कए भाव श्रद्धाञ्जलि अर्पण कयल गेल.
आम जनमानस मे कविश्वर चन्दा झाक स्मृतिगान सं अपन मातृभाषाक प्रति आत्मगौरवक बोध तऽ बढबे कएल, संगहि नवतुरिया युवा पीढी मे सृजनशीलताक आधार सँ पहिचानक विशिष्टताक रक्षा,प्रति जिम्मेवारीक बोध सेहो भेल. एहि तरहक आयोजन सदिखन एकटा नव उर्जा छोड़ैत अछि, साहित्यक संस्कार समाज केँ सुसभ्य बनबैत अछि, किछु एहने भावना सं सहभागी दर्शकक बीच एहि समारोहक खूब चर्चा भऽ रहल अछि.
चंदा झाक अवतरण तिथि पर गुरू दिन भेल बड़गाँव मे संगोष्ठीक आयोजन कयल गेल छल. कार्यक्रमक शुरूआत मे ग्यारह वैदिक लोकनि द्वारा स्वस्ति वाचन करैत दीप प्रज्ज्वलित कए उद्घाटन कयल गेल. संगोष्ठीक अध्यक्षता ओंकारनाथ झा केलनि. कार्यक्रम मे उपस्थित डा. तारानन्द वियोगी द्वारा कविवर चंदा झाक जन्मस्थल बड़गांव क' विशेषता पर चर्चा करैत कहल गेल जे हुनक जीवन आओर योगदान सं वर्तमान पीढी के असीम प्रेरणा भेटैत अछि. हुनका मैथिलीक आधुनिक साहित्यक प्रवर्तक मानल गेल अछि. युगपुरुषक रुपे चन्दा झा सौंसे मिथिला मे जानल जाइ छथि. सभा मे आमंत्रित वक्ता अरविन्द मिश्र ‘निरज’ द्वारा कविश्वर क' व्यक्तित्व वा कृतित्व पर प्रकाश देल गेल.
डा. महेन्द्र झा कविवरक मैथिली साहित्य मे योगदान क चर्चा करैत कहलनि जे कविवर चंदा झा सभसं पहिने मैथिली भाषा मे रामायण क रचना केलनि जेकर नाम ‘मिथिला भाषा रामायण’ पड़ल. कविवर द्वारा रचित कृति पुरूष परीक्षा, अहिल्या चरित्र आदि क रचना स मैथिली साहित्य के एकटा नव आयाम देलनि.
मौका पर डा. कुलानन्द झा, विनय चौधरी, अरूणाम सौरभ, केपी यादव, पी नंदन, हरेराम मिश्र, अविनाश खां, राज ठाकुर, भीमशंकर झा, मुकेश कुमार मानस, सचिदानन्द झा, राघवेन्द्र झा सहित दर्जनो अन्य बुद्धिजीवि लोकनि उपस्थित छलथि. नव तुरक युवा कवियित्री स्वाति शाकम्भरीक उपस्थिति ओ कविता वाचन सं कविश्वर कए भाव श्रद्धाञ्जलि अर्पण कयल गेल.
आम जनमानस मे कविश्वर चन्दा झाक स्मृतिगान सं अपन मातृभाषाक प्रति आत्मगौरवक बोध तऽ बढबे कएल, संगहि नवतुरिया युवा पीढी मे सृजनशीलताक आधार सँ पहिचानक विशिष्टताक रक्षा,प्रति जिम्मेवारीक बोध सेहो भेल. एहि तरहक आयोजन सदिखन एकटा नव उर्जा छोड़ैत अछि, साहित्यक संस्कार समाज केँ सुसभ्य बनबैत अछि, किछु एहने भावना सं सहभागी दर्शकक बीच एहि समारोहक खूब चर्चा भऽ रहल अछि.
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