Sunday, January 31, 2016

आंदोलनक आगि मे कहिया धरि जरत मधेश ?

                  "अखन देखल जाए त' नेपाल एक देश रहैत दू समुदाय मे बंटि गेल अछि"
कैलास दास : मधेशक एक्को टा जिला एहन नहि जतहि आन्दोलनक आगि नहि लागल हो. जनता मे आक्रोश अछि, आन्दोलनकरी  नेतृत्वक मे आन्दोलन कें पैघ स्तर पर ल' जेबाक आगि अछि, त' सड़क सभ पर धू..धू..करैत जरैत टायर क' आगि अछि. जेम्हर देखू अगलगी लागल अछि. प्रश्न अखनो यैह अछि जे पांच मास बीतलाक बादो इ अगलगी मिझायल किएक नहि ? एकर चिन्ता सरकार के किएक नहि भ' रहल अछि ? आन्दोलनरूपी अगलगी मे जरनाहर आओर जराइबै वलाक राष्ट्रीयता कतहि हेरायल अछि ?

देशक अधिकांश भाग सांस्कृतिक आ धार्मिक क्षेत्र होइतो आन्दोलनमय भूमि बनल अछि जतहि दैनिक सैकड़ों लोक दर्शनक लेल अबैत छलथि, जय माता दी क' पुकार होइत छल, ओतहि जय मधेश क' नारा आ पाथरक ढेर लागल अछि. धार्मिक गीतनादक ठाम, आन्दोलन क' गीत सुनायल जा रहल अछि. माथ पर मां केर चुनरी बान्हबाक ठाम, कारी पट्टी मे जय मधेश लिखल जाइत अछि. शहर धुआं–धुआं अछि. आखिर आन्दोलनक आगि मे कहिया धरि जरत मधेश ?

जखन की सभकेँ बुझल अछि जे मधेश आन्दोलन सं शिक्षण संस्था बन्न, कल-कारखाना बन्न, यातायात बन्न, रोजगार बन्न, सरकारी कार्यालय बन्न, भंसार बन्न, न्यायालय धरि बन्न अछि. बढ़ैत जा रहल काला बाजारी, घुसपैठिया, राष्ट्रक जिम्मेदार नागरिक क' बीच वाकयुद्ध, चौक-चौराहा पर आम नागरिक द्वारा देशक चिन्ता, भुखमरी, आक्रोश, महँगी आ विद्युत लोडसेडिङ्ग क' कारण अन्हार में रहबाक आदत. की इ सुच्चा राष्ट्रीयता क' पहचान अछि ? एहि सं मुल्क आत्मनिर्भर बनि सकैत अछि ? भविष्य नीक भ' सकैत अछि  ? कदापि नहि.

नेपाल मे राणा शाही आ राजतंत्र क बाद लोकतंत्र आयल जाहि पर जनता आशा आ विश्वास केलक - देशक विकास क, आत्म निर्भर बनबाक, समान अधिकार पेबाक मुदा आइ गम्भीरता सं देखल जाए त' इ लोकतंत्र आ लोकतांत्रिक संविधान नेपाली जनता के पचीस बरख पाछूक जिनगी जीबाक लेल विवश क' देलक अछि. एतय धरि कि बिजलीक ठाम ‘डिबिया’ जरएबाक नौबत आबि गेल. नेपाली जनता लोकतंत्र क' सपना एहि लेल नहि देखने छल की हमरा आंदोलन करबा लेल बाध्य हुअय पड़य. राजतंत्रक अंत एहि लेल नहि भेल की लोकतांत्रिक सरकार द्वारा बन्दूक क' गोली खाय पड़य. वर्षों-वर्ष सं पड़ोसी देश भारतक सं वैवाहिक, सांस्कृतिक, भाषिक संबंध सं विच्छेद होमय पड़य आ विभेदक आगि मे जरय पड़य.
राज्यक बदनीयत आ स्वच्छ राजनीतिक अभाव मे देश दिनानुदिन अपंग बनैत जा रहल अछि. अर्थतंत्र समाप्त भ' गेल अछि, अराजकता बढ़ैत जा रहल अछि आ राज्य सत्ता मे रहल एमाले, कांग्रेस आ एमाओवादी जनताक चिन्ताक जगह बेपरवाह बनल अछि. अखन देखल जाए त' नेपाल एक देश रहैत दू समुदाय मे बंटि गेल अछि.
सभसं पैघ प्रश्न इ अछि जे मधेश मे कहिया धरि आंदोलन आन्दोलन चलैत रहत ? कखन राज्यक दमन आ आन्दोलन नेतृत्वकर्ताक मनमानी खत्म होएत ? लोकतंत्र मे जे वाकयुद्धक परम्परा आयल अछि ओ कहिया समाप्त होएत ? सरकार आ आन्दोलनकारीक बीच वार्ताक परम्परा आ हठीपन कतहि जा रुकत ? इ राजनीतिक दलक लेल सेहो असमंजसक विषय अछि जे ओ समाधान ताकय नहि चाहैत छथि या फेर समाधान भेटि नहि रहल छैक. आन्दोलनरत दल आ सरकार बेर-बेर वार्ताक लेल बैसैत छथि आ 10 मिनट मे बिना कोनो बहसक वार्ता निष्कर्ष विहीन समाप्त भ' जाइत अछि. एहि सं स्पष्ट होइत अछि जे राज्य पक्ष समाधान नहि, आन्दोलनकारी थाकि क' आन्दोलन छोड़ि दे, सोच बनौने अछि.
‘नेपालक संविधान 2072’ मे सभसं पैघ समस्या राज्यक सीमांकन अछि. कानून विज्ञक मानबाक अछि जे संविधान त्रुटिपूर्ण अछि जाहि मे कोनो दू मत नहि. एहि संविधान मे मधेशी जनता के देल गेल अधिकार सं वञ्चित क' देल गेल अछि. मुदा समानुपातिक, जनसंख्याक आधार मे निर्वाचन क्षेत्रक समाधान सम्भव होइतो राज्यक सीमाकन बड्ड गम्भीर अछि. मधेश नेतृत्वकर्ता दलक जे अडान अछि ओहो गलत अछि. नेपाल एक साझा फुलवारी होयबाक वास्ते सभ राज्य मे सभ समुदाय के रहबाक अधिकार अछि, ताहि लेल मधेशक जिला पहाड़ मे जाए, चाहे पहाड़क जिला मधेश मे बहसक विषय नहि हेबाक चाही. राज्य ने 2 नंबर प्रदेश जाहि तरहे निर्माण केलक अछि, ओहो ठीक नहि अछि. एहि प्रदेश मे एक्को टा पहाड़ क' जिला समावेश नहि कयल गेल अछि. दोसर बात जौं मधेश नेतृत्वकर्ता मात्रे टा मधेश भूमिक एक या दू प्रदेश बनाबय चाहैत अछि त' कहियो मधेश मे रहनिहार पहाड़ी समुदाय आ पहाड़ मे रहनिहार मधेशी समुदायक राजनीतिक पहुंच बनब तत्काल सम्भव नहि देखाइत अछि.
मधेश मे सीमांकन क' ल' पांच मास सं आन्दोलन चली रहल अछि. एहि दरमियान पहाड़ी समुदाय के मधेश आन्दोलन मे बड्ड कम अर्थात नहि के बराबर देखल गेल अछि. जाहि सं दू गोट प्रश्न ठाढ़ होइत अछि- पहिल जे तराई मे पहाड़ी समुदाय अल्प संख्यक अछि आ मधेश आन्दोलन सं राजनीतिक पहुंच हेबाक सम्भावना सेहो बड्ड कम देखा रहल अछि. दोसर, पहाड़ी समुदायक सेहो मधेश आन्दोलन मे नेतृत्व करबाक पहल मधेशी नेता सभ नहि केलक अछि. एहि सं स्पष्ट अछि जे सीमांकन मे मधेश पहाड़ क' जिला के समावेश कयल गेल होइत त' आजुक दिन नहि देखय के भेटितै.


साभार : हिमालिनीडॉटकॉम 

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