जिला मुजफ्फरपुर में लगातार भ' रहल धिया-पुताक मृत्यु सं पूरा देश चिंतित अछि. मृत्युक आंकड़ा सौ पार क' गेल आओर स्थिति खराप भेल जा रहल अछि. एहि बोखारक नाम 'चमकी बोखार' राखल गेल अछि. एकरा क्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम सेहो कहल जाइत अछि.
आऊ जनैत छी जे की छै ई 'चमकी बोखार'
सभसं पहिले बुझई छी जे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की होइत छैक?
अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम देहक मुख्य नर्वस सिस्टम के प्रभावित करैत अछि आ सेहो खास क' छोट धिया-पुता सभ मे. एहि बेमारी क' लक्षण सब पर गप करी त'
1) पहिने-पहिने खूब तेज बोखार होइत छैक
2) फेर पूरा देह में अईंठन सन होइत छैक
3) देहक पोर-पोर में दर्द आओर पाचन क्रियाक कमजोर भ' जाएत छैक
4) रहि-रहि क' बेहोशी क' अवस्था
5) घबराहट भेनाय
6) जं समय पर इलाज नहि भेटय त' रोगीक मृत्यु भ' सकैत छैक. बेसी काल ई बीमारी जून सं अक्टूबर धरि देखल जाएत अछि.
कारण
डाकदर सभ अखन धरि ठीक-ठीक कारण नहि भजिया सकलथि. एकरा मादे अलग- ]अलग अनुमान लगाओल जाएत छैक. जेना-
गर्मी
कतेको डाकदर भीषण गर्मी के सेहो एहि बेमारी सं जूडी क' देखै छठी. मुजफ्फरपुर क' सिविल सर्जन क' कहब अछि जे एहि बरख भेल मृत्यु में बढ़ोतरी क' लेल निश्चित रूपें करगर गर्मीक पैघ भूमिका छैक. मई अंतें सं जिलाक तापमान लगातार 40 डिग्री सं फाजिल रहल. बहुतो विशेषज्ञक ई मानैत छथि जे गर्मी, उमस, गंदगी आओर कुपोषण बेमारीक सभसं पैघ कारण छैक.
लिच्ची
किछु विशेषज्ञक कहब छन जे धिया-पुताक मृत्य लीची लिच्ची खेला सं होइत अछि. लिच्ची मे प्राकृतिक रूप सं hypoglycin A आ methylenecyclopropylglycine पदार्थ होइत अछि जे देह मे फैटी ऐसिड मेटाबॉलिज़म बनाबै के रोकबाक काज करैत छैक. एहि सं ब्लड-शुगर लो लेवल पर चलि जाइत छैक आओर माथा संबंधी दिक्कत होएब शुरू भ' जाएत छैक आ एकरा बाद दौरा आबय लगैत छैक.
अखन धरि एही बेमारी सं 121 टा धिया-पुताक मृत्युक खबर अछि.
आऊ जनैत छी जे की छै ई 'चमकी बोखार'
सभसं पहिले बुझई छी जे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की होइत छैक?
अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम देहक मुख्य नर्वस सिस्टम के प्रभावित करैत अछि आ सेहो खास क' छोट धिया-पुता सभ मे. एहि बेमारी क' लक्षण सब पर गप करी त'
1) पहिने-पहिने खूब तेज बोखार होइत छैक
2) फेर पूरा देह में अईंठन सन होइत छैक
3) देहक पोर-पोर में दर्द आओर पाचन क्रियाक कमजोर भ' जाएत छैक
4) रहि-रहि क' बेहोशी क' अवस्था
5) घबराहट भेनाय
6) जं समय पर इलाज नहि भेटय त' रोगीक मृत्यु भ' सकैत छैक. बेसी काल ई बीमारी जून सं अक्टूबर धरि देखल जाएत अछि.
कारण
डाकदर सभ अखन धरि ठीक-ठीक कारण नहि भजिया सकलथि. एकरा मादे अलग- ]अलग अनुमान लगाओल जाएत छैक. जेना-
गर्मी
कतेको डाकदर भीषण गर्मी के सेहो एहि बेमारी सं जूडी क' देखै छठी. मुजफ्फरपुर क' सिविल सर्जन क' कहब अछि जे एहि बरख भेल मृत्यु में बढ़ोतरी क' लेल निश्चित रूपें करगर गर्मीक पैघ भूमिका छैक. मई अंतें सं जिलाक तापमान लगातार 40 डिग्री सं फाजिल रहल. बहुतो विशेषज्ञक ई मानैत छथि जे गर्मी, उमस, गंदगी आओर कुपोषण बेमारीक सभसं पैघ कारण छैक.
लिच्ची
किछु विशेषज्ञक कहब छन जे धिया-पुताक मृत्य लीची लिच्ची खेला सं होइत अछि. लिच्ची मे प्राकृतिक रूप सं hypoglycin A आ methylenecyclopropylglycine पदार्थ होइत अछि जे देह मे फैटी ऐसिड मेटाबॉलिज़म बनाबै के रोकबाक काज करैत छैक. एहि सं ब्लड-शुगर लो लेवल पर चलि जाइत छैक आओर माथा संबंधी दिक्कत होएब शुरू भ' जाएत छैक आ एकरा बाद दौरा आबय लगैत छैक.
अखन धरि एही बेमारी सं 121 टा धिया-पुताक मृत्युक खबर अछि.
Bihar: Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) rises to 121 in Muzaffarpur. 101 deaths at SKMCH & 20 deaths at Kejriwal hospital. pic.twitter.com/PfjA8HKAce— ANI (@ANI) June 20, 2019
ई पोस्ट न्यूज़ 18 मे काज क' रहला पत्रकार आदित्य प्रकाश द्वारा लिखल गेल अछि.
बहुत नीक जानकारी देलहुँ. आरो सब बिषय पर अहिना समाचार दैत रही
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