Saturday, March 30, 2013

मिथिला दर्शन : मुंगेर

मुंगेर : महाभारत कालक मोदगिरी आजु मुंगेरक नामे जानल जाइत अछि। मुंगेर बंगालक अंतिम नवाब मीरकासिम केर राजधानी छल। एतय मीरकासिम गंगा नदीक कछेर लग भव्‍य किलाक निर्माण करौने छलथि। इ किला 1934 मे आएल भीषण भूकंपसँ क्षतिग्रस्‍त भऽ गेल छल, मुदा एकर अवशेष अखनो शेष अछि। (एहि किलाक संबंधमे कहल जाइत अछि जे इ महाभारत कालक अछि) एतय स्थित कष्‍टहरिणी घाट हिन्‍दू धर्मावलंबी लेल पवित्र मानल जाइत अछि। प्रचलित किंवदंतीक अनुसार, गंगा नदीक घाट पर स्‍नान करबासँ एक गोटेक सभटा कष्‍ट दूर भऽ गेल छल, तखनेसँ एहि घाट केँ ''कष्‍टहरिणी घाट' कहल जाइत अछि। एहि पवित्र घाट लग नदीक बीचमे मां सीताचरण केर मंदिर अछि। एतय जेबा लेल नावक सहारा लेल जाइत अछि।

मुंगेरमे कतय घूमी :

1. मुंगेरक किला
: मुंगेर अप्पन ऐतिहासिक धरोहर लेल जानल जाइत अछि। बंगालक अंतिम नवाब मीरकासिमक प्रसिद्ध किला एतय स्थित अछि। इ किला गंगा नदीक कछेरमे बनल अछि। नदी एहि किले केँ पश्चिम आ आंशिक रूपे उत्‍तर दिशासँ सुरक्षित करैत अछि। एहि किलामे चारि गोट द्वार अछि, जाहिमे उत्‍तरी द्वारकेँ लाल दरवाजाक नामे जानल जाइत अछि। इ पैघ दरवज्जाक नक्‍काशीयुक्त पाथरसँ हिन्‍दू आ बौद्ध शैलीमे बनल अछि। किलामे स्थित गुप्‍त सुरंग पर्यटकक आकर्षणक केंद्र अछि। 1934 मे आएल भीषण भूकंप सँ एहि सुरंग केँ बहुत क्षति पहुंचल अछि।

2. पीर शाह नूफाक गुंबद : पीर शाह नूफाक गुंबद किलाक दक्षिणी द्वारक सोँझा एकटा टीला पर स्थित अछि। इ जगह बुद्धिष्‍ठ ढ़ांचाक अंतिम निशानी अछि। एहि गुंबदमे एकटा पैघ प्रार्थना कक्ष अछि जाहिसँ एकटा दरवज्जा जुड़ल अछि। गुंबदक अंदर नक्‍काशी कएल गेल किछु पाथर सेहो देखबा लेल भेटैत अछि जे संभवत: हिन्‍दू मंदिरक अवशेष प्रतीत होइत अछि। इ गुंबद हिंदू आ मुस्लिम संप्रदाय लेल समान रूपे पूजनीय अछि।

3. शाह शुजाक महल :
शाह शुजाक महल मुंगेरक खूबसूरत स्‍थानमे सँ एक अछि। आब एकरा जहल केँ रूपे परिवर्तित कऽ देल गेल अछि। जेलरक ऑफिसक पश्चिममे तुर्की शैलीमे बनल एकटा पैघ स्‍नानागार अछि। महलक बाहर एकटा पैघ कुंआ अछि जे एक गेटक माध्‍यमे गंगा नदीसँ जुड़ल अछि। आब एकरा पर ओहार दऽ देल गेल अछि अन्यथा इहो स्थान पर्यटकक केँ बजाबय चल।

4. सीता कुंड : मुंगेरसँ 6 km पूर्वमे स्थित सीता कुंड मुंगेर आबयवला पर्यटकक आकर्षणक प्रमुख केंद्र अछि। एसि कुंडक नाम पुरुषोत्‍तम रामक धर्मपत्‍नी सीताक नाम पर राखल गेल अछि। कहल जाइत अछि जे जखन राम सीता केँ रावणक चंगुलसँ छोड़ाकऽ अनले छलथि तऽ हुनक अप्पन पवित्रता साबित करबा लेल अग्नि परीक्षा देबय पड़ल छल। धर्मशास्‍त्रक अनुसार अग्निपरीक्षाक बाद सीता मां जाहि कुंडमे स्‍नान केलनि ओ यैह कुंड अछि। इस कुंडकेँ बिहार राज्‍य पर्यटन मंत्रालय पर्यटक स्‍थलक रूपे विकसित केलक अछि। एकरा लग डैमक निर्माण कराओल गेल अछि। एतय खास कऽ माघ मासक पूर्णिमा (फरवरी) मे स्‍नान करबा लेल बहुत भीड़ जुटैत अछि। एहि कुंडक पानि कखनो-कखनो 138° फॉरेनहाइट तक गर्म भऽ जाइत अछि।

5. श्रृंगऋषि :
खड़गपुरक पहाड़ पर स्थित इ तीर्थस्‍थल बहुत प्रसिद्ध अछि। इ मुंगेरसँ 32 कि.मी. दक्षिण-पश्चिममे लक्‍खीसराय जिला (कजरा) लग स्थित अछि। इ स्‍थानक नाम प्रसिद्धऋषि श्रृंगक नाम पर राखल गेल अछि। एतय शिवरातिक शुभ अवसर पर (फरवरीमे) श्रद्धालुक भीड़ जुटैत अछि। पर्यटकक बीच एतुक्का झरना आकर्षणक केंद्र बिंदु अछि। ठंडीक मौसममे एहि झरनाक पानि गर्म भऽ जाइत अछि जाहिमे स्‍नान करबा लेल भारतक कोन-कोनसँ पर्यटक आबैत छथि। एतय एकटा डैमक निर्माण कएल गेल अछि जे एक्कर खूबसूरतीमे चारि चांद लगाबैत अछि। एतय स्थित कुंड जेकरा लोक ऋषिकुंडक नामे जानैत छथि।

एकरा संगे चण्‍डी स्‍थान, मुल्‍ला मोहम्‍मद सईदक मकबरा, खड़गपुरक झील, रामेश्‍वर कुंड, पीर पहाड़, हा-हा पंचकुमारी, उरेन, बहादूरीया-भूर, भीमबांध आदि-आदि सेहो देखबा लायक अछि।

* कोना पहुंची -

1. हवाई मार्ग - मुंगेर आबय लेल जयप्रकाश अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा, जे एतयसँ लगभगि 183 km दूर राजधानी पटनामे स्थित अछि, आएल जा सकैत अछि।

2. रेल मार्ग - मुंगेर स्‍थानीय रेलसेवासँ जुड़ल अछि, मुदा एतुक्का प्रमुख रेलवे स्‍टेशन जमालपुर अछि जतयसँ देशक विभिन्‍न राज्‍य लेल ट्रेन भेटैत अछि।

3. सड़क मार्ग - इ शहर राष्‍ट्रीय राजमार्ग 80 पर स्थित अछि जे लगभगि सभ पैघ शहरसँ जुड़ल अछि। भागलपुरक माध्‍यमे इ शहर उत्‍तरी मिथिला आ दक्षिणी मिथिलाक प्रमुख शहरसँ जुड़ल अछि।

(साभार : यात्रा सलाह डाट काम)

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