प्रदेश मे तीन टा धार्मिक पर्यटन सर्किट विकसित कयल जाएत. शक्ति, शिव आ सिख सर्किट. पर्यटन विभाग एकरा विकसित करबाक लेल विस्तृत रिपोर्ट बना केंद्र सरकार के पठेलक. केंद्रीय पर्यटन विभाग सं एकरा लेल फंड सेहो मानल जाएत.
बिहार पर्यटन दृष्टिये बड्ड महत्वपूर्ण क्षेत्र छैक मुदा राज सरकार पर बेर-बेर इ आरोप लगैत रहैत छैक जे पर्यटन के बढ़ावा देबा लेल प्रदेश सरकार गंभीर नहि. राज्य मे अखन हिन्दू सर्किट, जैन सर्किट, गांधी सर्किट, रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट आ सूफी सर्किट छैक जेकर स्थिति सेहो नीक नहि कहल जा सकैछ. आब शक्ति, शिव आ सिख सर्किट क' विकास लेल योजना बनाओल गेल अछि.
शक्ति सर्किट : शक्ति सर्किट मे पटना क' कालीमंदिर, बड़की-छोटकी पटन देवी आ शीतला माता मंदिर, सारण क' आमी, गोपालगंज क' थावे, कैमूर क' मुंदेश्वरी, सहरसा क' उग्रतारा स्थान, मधुबनी क' उच्चैठ आ रोहतास मे मां तारा चंडी स्थान के विकसित कयल जाएत.
शिव सर्किट : मुजफ्फरपुर मे बाबा गरीब नाथ, मोतिहारी मे सोमेश्वर नाथ महादेव, सीतामढ़ी मे बाबा नागेश्वर नाथ, शिवहर मे देकुली भुवनेश्वर नाथ धाम, भागलपुर मे सुल्तानगंज क' बाबा अजगेबीनाथ, मधेपुरा क' सिंहेश्वर स्थान, दरभंगा मे कुशेश्वर स्थान आ कटिहार मे गोरखनाथ मंदिर के शिव सर्किट के रूपे विकसित कयल जाएत.
सिख सर्किट : पंजाब क' बाद सिख धर्मावलंबी क' सभसं पैघ तीर्थस्थल बिहार अछि. राज्य क कतेको गाम मे एहन गुरुद्वारे अछि जतय हस्तलिखित गुरु ग्रंथ साहिब छैक. पटना साहिब गुरुगोविंद सिंह क' जन्मस्थली अछि. ओतहि, तेगबहादुर सेहो बहुतो ठाम बिहार मे घूमलनि. एहन-एहन ऐतिहासिक स्थल कें चुनि कें सिख सर्किट मे जोड़ल जाएत.
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