Thursday, January 24, 2013

महाप्रकाशक निधन सऽ भारतीय साहित्य केँ क्षति

बेगूसराय : सुप्रसिद्ध मैथिलीक कवि महाप्रकाशक निधन पर बेगूसराय केर साहित्यकार, संस्कृतिकर्मी आदि शोक प्रकट केलनि। एम्हर, जनकवि दीनानाथ सुमित्रक अध्यक्षतामे साहित्यकार शेखर सावंतक घर पर बीतल काल्हि एकटा शोकसभा आयोजित कऽ महाप्रकाश केँ श्रद्धांजलि देल गेल। एहि मौका पर साहित्य अकादमी पुरस्कार सऽ सम्मानित मैथिलीक कथाकार, उपन्यासकार प्रदीप बिहारी, रमा मौसम, शेखर सावंत आदि उपस्थित छलथि।
मौका पर महाप्रकाश केँ कृतित्व आ व्यक्तित्व पर चर्चा कएल गेल। दीनानाथ सुमित्र कहलनि जे महाप्रकाशक निधन सऽ भारतीय साहित्य केँ क्षति पहुंचल अछि। प्रदीप बिहारी महाप्रकाशक बेगूसराय संगे जुड़ावक चर्चा करैत हुनका कवि, कथाकार आ अनुवादक रूपे उद्घाटित केलनि। ओ महाप्रकाशक कविता 'जूता हमर माथ पर सवार अछि' 'शब्द नहि होइत शिखंडी' आदिक पाठ केलनि। बताबी जे महाप्रकाशक दू गोट कविता संग्रह 'कविता संभवा' आ 'संग समय के' प्रकाशित अछि। ओ ललित केर चर्चित उपन्यास 'पृथ्वी पुत्र' केर मैथिली सऽ हिंदी अनुवाद केलनि। महाप्रकाश केँ झारखंड सरकार आ चेतना समिति, पटना द्वारा पुरस्कृत कएल गेल अछि। हुनक कविताक अनुवाद हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, उड़िया आदिमे प्रकाशित अछि।

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